Arpita Ke Alfaz Sep 30, 20212 min readमैं स्त्री हूँ…बस यही काफी है…Arpita Ke Alfaz कविता मैं स्त्री हूँ…बस यही काफी है… कभी जात-पाँत के नाम पर कभी धर्म-अधर्म के काम पर और कभी – कभी तो ‘नारी’ इनका प्रिय...
Arpita Ke Alfaz Sep 30, 20211 min readपरिपूर्ण जीना चाहती हूँ…ओ सूरज, सुना है तुम सबको उजाले बाँटते हो… पर बरसों से मैं तुम्हारे आने की राह देखती हूँ… मेरे हिस्से की रोशनी कब दोगे मुझे??? रोज़ खुली...
Arpita Ke Alfaz Aug 20, 20211 min readएक मर्तबा…जब भी मिलते हैं साथी पुराने हाल पूछ लेते हैं…. कैसे हैं हम, और शायरी हमारी ये सवाल पूछ लेते हैं…. उदासी पर लेकर घूँघट हम तबस्सुम का अदा...
Arpita Ke Alfaz Aug 20, 20211 min readकाफ़िर का ईमाँज़ख्म दर ज़ख्म सहे इसकदर तन्हा साँसे आयी भी तो अजनबी की तरहाँ... उसने चाही सदा ही खुशी की इनायत हम लुटते रहे काफिर के ईमाँ की तरहाँ... तेरे...
Arpita Ke Alfaz May 23, 20200 min readMy work & word is my strength... Let's know a little more... medium of some poems and Gazals...